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नपुंसकता क्या है?

यौनपरक सम्भोग में पर्याप्त आन्न्द पाने के लिए जब पुरूष का लिंग खड़ा नहीं हो पाता या खड़ा होकर रूक नहीं पाता तो उसे नपुंसकता कहते हैं।
पुरुष के सेक्स चक्र में चार चरण होते हैं। कामेच्छा, इंद्रिय में पर्याप्त तनाव, स्त्री जननांग में प्रवेश और चरम सीमा। कई बार कामेच्छा की कमी तो कई बार नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से उत्तेजना में कमी आ सकती है। 65-70 साल की उम्र के बाद कई बार पुरुष हॉर्मोंस की कमी से भी यह समस्या उठ खड़ी होती है। एक आदमी को एक अवस्था में पर्याप्त उत्तेजना आती है जैसे कि सुबह के वक्त, पेशाब करते समय या मास्टरबेशन के वक्त, पर उसे दूसरी अवस्था में उत्तेजना नहीं आती तो यह समस्या मानसिक मानी जाएगी, शारीरिक नहीं। विशेष रूप से डायबीटीज के मरीजों में यह समस्या अक्सर पाई जाती है।
नपुंसकता के कारण क्या होते हैं?
नपुंसकता निम्नलिखित कारणों से हो सकती है

1.मानसिक दबाव और अवसाद
2.शराब / ड्रग का नशा
3.धुम्रपान
4.मधुमेह
5.हृदय रोग
6.उच्च रक्त चाप
7.रक्त चाप, दबाव और पाचक रोगों में प्रयुक्त कुछ दवाइयां

नपुंसकता का उपचार कैसे होता है?

1.शराब और सिगरेट छोड़ दें।
2.लिंग को खड़ा करने वाले उपकरणों का प्रयोग करें।
3.शल्य चिकित्सा
4.मनोचिकित्सा

वियाग्रा कितनी प्रभावशाली होती है

शारीरिक अथवा मानसिक कारणों से लिंग के खड़े न हो पाने के रोग में वियाग्रा का उपयोग किया जाता है। जिन पुरूषों को हृदय तंत्री का रोग, मौल्लिटस मधुमेह, उच्च रक्त चाप, अवसाद हृदय की बाईपास सर्जरी हो चुकी हो और जो पुरूष अवसाद मुक्ति या रक्त चाप से मुक्ति देने वाली दवाएं लेते हैं उन में लिंग को खड़ा करने के लिए इसे प्रभावशाली माना जाता है। चिकित्सा प्रयोगों में, देखा गया है कि मधुमेह वाले 60 प्रतिशत और बिना मधुमेह वाले 80 प्रतिशत लोगों को वियाग्रा से लिंग के खड़े होने में बेहतर मदद मिलती है।

वियाग्रा कितनी मात्रा में लेनी चाहिए?

वियाग्रा देते समय डॉक्टर रोगी की उम्र स्वास्थ्य की सामान्य स्थिति और जो दवाएं वह ले रहा हो उन सब का ध्यान रखता है। प्रारम्भ करने की अधिकतर पुरूषों में मात्रा 50 मि.ग्रा. होती है, पर सह प्रभावों एवं प्रभविषुणता को देखते हुए डॉक्टर मात्रा को बढ़ा या घटा सकता है। अधिक से अधिक 100 मि.ग्रा. प्रत्येक चौबीस घन्टे की अवधि में संस्तुष्ट की जाती है।

वियाग्रा किस प्रकार दी जानी चाहिए?

सिल्डेनाफिल 15, 50 और 100 मि.ग्रा. की मौखिक गोलियों में उपलब्ध है। सम्भोग परक गतिविधि के प्रारम्भ के एक घन्टा पहले इसे लेना चाहिए। श्रेष्ठ परिणाम के लिए इसे खाली पेट लेना चाहिए क्योंकि खाने के बाद, यदि गरिष्ठ भोजन किया हो तो इसका प्रभाव और स्राव घट जाता है।  डॉक्टर की सलाह के बिना दवाईया न ले ।

वियाग्रा के सह प्रभाव क्या होते हैं?

बिना विशेष सह प्रभावों के वियाग्रा अधिकतर लोगों को लाभ पहुंचाती है। जो सहप्रभाव सामने आये हैं वे बहुत हल्के हैं जिसमें सिर दर्द, पानी-पानी हो जाना, नाक बन्द होना, घबराहट, गैस बनना डॉयरिहा और दृष्टि की असामान्यता (नीला नीला दिखना या चमचमाहट शामिल है।

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