-->

सातवी सोहागरात


कविता के हाथो में आज जोर सोर से मेहँदी लग रही थी चारो तरफ शोर गुल था कहि गीत गाय जा रहे थे तो कहि बच्चे खेल रहे थे आज कविता बहुत खुश थी क्योंकि वो पहली बार बेटी से पत्नी बनने जा रही थी । लड़का काफी सुंदर व अच्छे परिवार से था ,पैसे की भी कोई कमी न थी इसलिए कविता के माँ बाबा ने इस रिश्तेे को हां कर दी । जल्द ही दूल्हा भी आ गया ,पण्डित जी ने शादी की रशमे शुरू कर दी और आखिर कार शादी सम्पन्न हो गई । कविता ने अपने माता पिता से आशीर्वाद लिया और भीगी पलको के साथ जतिन के साथ एक नय सुखमय जीवन की लालशा लिए चल पड़ी । 
अभी कविता और जतिन रास्ते में ही थे कि अचानक गाडी खराब हो गई ,रास्ता काफी सुनशान था ,रात भी हो रही थी इसलिए जतिन ने कविता से सारे गहने उतार कर एक जगह रखने को कहा । जतिन कार से बाहर निकल कर गाडी को चेक करने लगा लेकिन तभी कबिता की चीखने की आवाज आई ,जतिन फौरन कार की ओर लपका और कविता से पूछा क्या हुआ , 
कविता ने कहा पता नही मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे बाल खिचे हो । 
जतिन ने कहा हो सकता है गाडी में फस गया होगा तुम ध्यान मत दो ये बस वहम होगा ।
जल्द ही जतिन ने कार ठीक कर ली और दोनों अपनी मंजिल की ओर निकल पड़े । 
पता नही क्यों पर कविता को कुछ ठीक नही लग रहा था कुछ अजीब सी बदबू उसे परेशान कर रही थी पर उसने सोचा शायद ये उसके मन का भ्रम होगा । teen18story
जल्द ही वो अपने घर पहुच गई । घर किसी महल से कम नही था परन्तु एक अजीब सी बात ने कविता को हैरान कर दिया ,बंगले के चारो तरफ रौशनी की बहुत कमी थी साथ ही साथ आस पास कोई भी घर नही था जो उस जगह को काफी भयानक बनाता था ,तभी गाडी दरवाजे के पास आ कर रुकी , जतिन बोला लो आ गए कविता बोलो कैसा लगा तुम्हारा घर ?
कविता ने कहा बहुत सुंदर है परन्तु यहा क्या कोई नही रहता । बहुत अँधेरा भी है । 
तभी जतिन ने कहा तुम आ गई हो अब रौशनी भी आ जाएगी ,अभी तो अँधेरे में ही मजा है जान । जरा पास तो आओ , कविता कहती है नही अभी नही । चलो अंदर चलो ।
(दोनों बंगले के अंदर आ जाते है ,)
सुनो जतिन क्या इतने बड़े घर में कोई नौकर चाकर नही है क्या तुम यहाँ अकेले रहते हो । 
नही जानू नौकर थे पर अब नही है , और वैसे भी अब तुम आ गई हो तो जो तुम चाहोगी वही करना । अभी चलो ऊपर चलते है ,और थोड़ी प्यार भरी बाते करते है मेरा पूरा बदन दर्द हो रहा है आज अपने प्यार से उसे दूर कर दो ।
नही जतिन आज मै बहुत थक गई हु । चलो सो जाते है , जैसे तुम कहो कविता ।

अगली सुबह 
जतिन उठ जाओ सुबह हो गई ये लो चाय ,पि लो। hmmmm उठता हूँ dear । चलो उठो अभी तुम्हे office भी जाना है जल्दी करो ।
जतिन उठ गया और चाय की चुसकी लेते हुए बोला क्या चाय बनाई है जबाब नही तुम्हारा कविता । वो तो ठीक है जतिन पर मुझे ये जगह थोड़ी अजीब सी लग रही है जैसे लग रहा है की कोई मुझे देख रहा हो ,अभी जब मै नहा रही थी तब भी मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे देख रहा हो व्ही जब मै तुम्हारे लिए चाय बना रही थी तो मुझे लगा जैसे कोई मेरे बालो को खीच रहा हो । यहाँ कुछ तो है जो सही नही है । 
जतिन बोला ऐसा कुछ नही है जानू तुम्हे वहम हो रहा होगा नई जगह है ऐसा होना आम बात है । कोई नही आज मै तुम्हे कहि बाहर ले जाउगा और हम बाहर ही खाना खा लेगे । 
तभी कविता अपने गले पर हाथ फेरते हुए बोली क्या आज office जाना जरूरी है । 
जतिन बोला लगता है तुम्हारे इरादे कुछ नेक नही लग रहे है पर अब कुछ नही हो सकता जानू ।
कविता बोलती है मै समझी नही ? 
जतिन बोला दरसल हमारे परिवार की परम्परा है की शादी के बाद एक हफ्ते तक मिया बीबी बिना किसी सम्बन्ध के एक दोस्त की तरह रहते है और वेसे भी इससे हमे एक दूसरे को जानने में मदद मिलेगी , और बस अमावश की रात तक ही तो रुकना है , ।। तुम्हे कोई एतराज तो नही ?
कविता ये सुन कर हैरान हो जाती है पर वो जतिन की बात काटती नही और अपना सर हा में हिला देती है ।
शाम को वो दोनों घूमने जाते है और फिर थके हारे घर आकर सो जाते है अभी पूरी रात भी नही हुई थी की अचानक कविता को महसूस होता है की someone touching her back very nicely , कविता बोलती है जतिन क्या कर रहे हो छोड़ो न ,कुछ हो रहा है please stop it .. i m losing ..please stop naaa .तभी कविता की आँख खुल जाती है और वो ये देख कर हैरान रह जाती है की जतिन सो रहा है ।
कविता को कुछ समझ नही आता वो फौरन उठ जाती है और पीछे मुड़ कर देखती है पर वहाँ कोई नही होता वो आवाज भी लगाती है की कौन है वहाँ पर , परन्तु कोई भी जबाब नही आता वो फौरन जतिन को उठाती है । जतिन पूछता है क्या हुआ । कविता बोलती है यहाँ कुछ तो है किसी ने मेरी पीठ को छुआ । जतिन बोलता है डरो मत वो कोई कीड़ा होगा यहाँ कुछ ज्यादा ही कीड़े है तुम सो जाओ मै तुम्हारे साथ हूँ , सो जाओ ।

अगली सुबह ।
कविता अब भी रात के हादसे केहादसे के बारे में सोचते हुए आईने में बाल बना रही थी तभी उसने देखा की उसके गले पर कोई निशान था जैसे किसी ने खरोचा हो । उसने वो निशान फौरन जतिन को दिखाया , जतिन हँसते हुए बोला , पगली ऐसे निशान तो अक्सर लोगों के शरीर पर बन जाते है जरूर रात को किसी कीड़े ने तुम्हे काट लिया होगा या फिर सोते वक्त मेरे दाढ़ी के बाल तुम्हारे गले पर लग गए होंगे । अब तुम ये सब छोड़ो और मेरे लिए कुछ खाने को ले आओ मुझे बहुत भूख लगी है । teen18story 

कविता बोली ठीक है अभी लाती हूँ । कुछ ही देर बाद जतिन office को चला गया और कविता घर में अकेली रह गई । 
इसी तरह दिन बीतते गए और वो दिन भी आ गया अमावस्या का दिन .। 
कविता bed पर लेटी टीवी देख रही थी। साथ ही आज रात जतिन के साथ अपने मिलन को लेकर excited भी थी । तभी उसे कुछ आवाज सुनाई दी शायद वो निचे से आ रही थी ,कविता जैसे ही निचे देखने आई की आवाज कहा से आ रही है उससे पहले ही आवाज बन्द हो गई । कविता ने सोचा शायद वो कोई चुहा होगा , यही सोच कर जैसे ही वो ऊपर जाने के लिए मुड़ी वो आवाजे फिर से आने लगी पर इस बार वो आवाज पास के कमरे से आ रही थी कविता धीरे धीरे उस कमरे की ओर बढ़ने लगी और जैसे ही उसने वो दरवाजा खोला अंदर कोई नही था बस एक खामोशी पुरे घर मे छा गई । कविता ड़रते हुए अंदर गई ,सारा सामान बिखरा पड़ा था और एक भयानक बदबू सी पुरे कमरे में छाई हुई थी। कमरे में काफी अँधेरा था इसलिए कुछ साफ़ भी नही दिखाई दे रहा था । कविता ने फौरन अपने मोबाइल की टॉर्च on की ।
वहाँ का नजारा देखते ही कविता के पैरो तले जमीन खिसक गई वो फौरन उस कमरे से भाग कर बाहर आ गई । उसकी हालत एक डम खराब हो गई उसने फौरन उल्टी कर दी और पानी लेने किचन में भागी । उसकी आँखे लाल हो चुकी थी उसने जो देखा वो सच नही हो सकता ,पर वो सब सच था । 
कविता ने फौरन जतिन को फोन लगाया और रोने लगी और जल्दी से उसे घर आने को कहा । जतिन जल्द ही घर पहुँच गया ,कविता ने फौरन जतिन को गले लगा लिया और रोने लगी उसने कहा जतिन यहाँ ये सब क्या हो रहा है ,यहाँ आओ उस कमरे में देखो क्या है जल्दी चलो । 
कविता जतिन का हाथ पकड़ कर उस कमरे की ओर खीचने लगी पर जतिन अपनी जगह ही खड़ा रहा । कविता बोलती रही पर जतिन वहाँ से हिला तक नही और तभी जतिन जोर जोर से हँसने लगा । ये देख कविता बिल्कुल हैरान हो गई ।
आखिर कार तुम्हे सब पता चल गया कविता , चलो आज नही तो कल तुम्हे पता तो चलना ही था आखिरकार तुम्हारा भी वही अंत होना है । 
कविता के चहरे से पसीना बहने लगा , क्या मतलब तुम्हारा जतिन । 
वही मतलब जो तुमने उस कमरे में देखा ।
तो क्या तुम भी मुझे मार दोगे ।
हा सही कहा तुमने कविता ।
पर क्यों जतिन मै तुम्हारी बीबी हूँ ।
हा जानता हूँ कविता पर अपनी जान मुझे ज्यादा प्यारी है ।अगर मैने तुम्हे उसके सामने बलि नही दिया तो वो मुझे मार डालेगा ।
कविता बोलती है कौन ? 
वो जिन ! 
जतिन ये क्या पागलो वाली बात कर रहे हो ।
तुम नही समझो गी , चलो मरने से पहले तुम्हे वो राज बता ही देता हूँ ।
बात 5 साल पहले की है मै अपने दोस्तों सनी , काजल, अभी, और अपनी प्रेमिका ईशा के साथ शादी से पहले ऊटी के जंगलो में गया था ,वहाँ हमने बहुत मजे किए पर मैने एक गलती कर दी जिसका मुझे बहुत बुरी कीमत चुकानी पड़ी , मुझे कही से पता चला की यहाँ पास में ही कोई प्राचीन कब्रिस्तान है तो मै और सनी पुराने कब्रो की तलाश में निकल पडे और काफी छान बिन के बाद हमने वो जगह ढूढ़ निकाली । हमने वहाँ अपनी कई तस्वीरें ली पर हम उस जगह को देख ही रहे थे की मुझे बातरूम आ गया और मैने पास ही में बातरूम कर दिया पर मुझे नही पता था की वो मेरी सबसे बड़ी भूल होगी । उस दिन से मेरा सब कुछ बदल गया । जब मै वापस कैम्प पहुचा तो मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा और जल्द ही मेरी तबियत खराब हो गई । मेरे दोस्त मुझे फौरन अस्पताल ले गए । 2 दिन बाद मुझे होश आया ,पर जब मै जागा तो मेरे पास कोई नही था तभी मैने महसूस किया की जैसे मेरे साथ कोई लेटा हुआ है ,और जब मैने पलट कर देखा तो एक भयानक शक्ल मेरे साथ चिपकी हुई थी ,मैने चीखने की बहुत कोशिस की पर सब नाकाम रहा । मेरे गले से कोई भी आवाज नही निकल रही थी तभी वो गायब हो गया । मैने फौरन आवाज लगाई इस बार मेरी आवाज खुल गई और मेरे दोस्त भागते हुए मेरे पास आए । जब मैने उन्हें ये सब बात बताई तो वो सब हँसने लगे और कहा की मैने सपना देखा होगा पर सिर्फ मै जानता था की वो क्या था ।एक हफ्ते बाद मैने अपनी प्रेमिका ईशा से शादी कर ली । उसी रोज़ जिस दिन हमारी सोहाग रात थी मेरी जिंदगी पूरी तरह बदल गई । मै बाथरूम मै तैयार हो रहा था तभी अचानक बाथरूम की लाइट जलने और बुझने लगी और आसपास की चीजे हिलने लगी और फिर वो आया । मैने उसकी परछाई आईने में देखि ,मै बहुत बुरी तरह डर गया । वो कोई शैतानी जिन जैसे लग रहा था । अचानक अगले ही पल उसने मेरा गला पकड़ लिया और मुझे चाटने लगा ,मै सास भी नही ले पा रहा था , उसने मुझे जोर से बाथरूम की एक तरफ फेक दिया । मै चीखने की कोशिस करने लगा पर किसी ने मेरी आवज नही सुनी ।
मैने उस शैतान से कहा मुझे क्यों मार रहे हो मैने क्या किया है तो वो जोर जोर से हँसने लगा और बोला तुझे नही पता तूने क्या किया है । 
याद कर वो दिन जिस रोज तू मेरे घर आया था और मेरे घर में तूने बाथरूम किया था । अब मुझे उसका बदला चाहिए और वो है तेरी जान ।
मै उसके आगे गिड़गिड़ाया और भीख मागी फिर उसने मुझे कहा की मै तेरी जान बख्स दूँगा पर मुझे उसके बदले कुछ चाहिए । 
मै ने कहा क्या धन दौलत , जमीन सब ले लो पर मुझे छोड़ दो ।
जिन हँसते हुए बोला मुझे 7 लड़किया चाहिए और उसकी शुरुआत होगी तेरी बीबी ईशा से ।
मैने कहा नही तुम ऐसा नही कर सकते ।
शैतान जिन बोला अगर ऐसा नही हो सकता तो मर ।
मै बहुत डर गया और फिर मैने उसकी शर्त मान ली और उसे ईशा दे दी।
उस शैतान ने हफ़्तों तक उसके जिस्म के साथ खेला वो चीखती रही और मै कुछ नही कर पाया और जब वो मर गई तब मैने उसकी लाश को यहाँ इस कमरे में डाल दिया । 
उसी दिन से मै शादिया करता रहा और उस शैतान की हवस पूरी करता रहा । 
जो लाशें तुमने यहाँ देखी वो उन 6 लड़कियों की है जिनमे से एक मेरी प्रेमिका ईशा भी है और अब तुम हो सातवी दुल्हन जिसके साथ वो जिन मनायेगा सातवी सुहागरात । 😢😢

कविता बुरी तरह काप रही थी ।उसे कुछ समझ नही आ रहा था उसने रोते रोते जतिन से पूछा क्यों तुमने ऐसा क्यों किया ।
जतिन ने कहा अपनी जान सब को प्यारी होती है मैने बस अपनी जान बचाई है ।
कविता ने कहा तुम एक नंबर के कमीने हो मै तुम्हे नही छोडूंगी मै अभी पुलिस के पास जाकर सब कुछ बोल दूँगी और जैसे ही कविता ने भागने की कोशिश की अचानक किसी ने कविता को पैरो से पकड़ लिया और उसे खीचते हुए bed रूम में पटक दिया और दरवाजा बन्द हो गया । कविता चारो तरफ देखने लगी पर उसे कोई भी नजर नही आया ,वो रोने और चीखने लगी , कौन है सामने आओ सामने आओ तभी कमरे की लाइट जलती है , कविता डर के मारे चीख पड़ती है वो 6 लाशें इधर उधर बिखरी बड़ी होती है और तभी एक आवाज आती है इधर आओ मेरी बुलबुल ।
कविता जोर जोर से चीखने लगती है । जतिन मुझे बचाओ जतिन मुझे बचाओ पर जतिन बाहर बैठा ये सब सुन कर कुछ भी नही करता । उसे तो ख़ुशी होती है की आखिर कार उसकी जान बच गई । 
उस शैतान जिन की आवाज फिर आती है डरो नही जानेमन बस मेरी बाहो में आ जाओ । 
कविता इधर उधर भागने लगती है पर सारे रास्ते बन्द होते है , कविता रोते रोते कहती है मुझे छोड़ दो जाने दो । जिन जोर जोर से हँसने लगता है । अचानक कविता के कपड़े फटने लगते है वो और जोर जोर से चीखने लगती है ।
कविता बोलती है मैने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है मुझे जाने दो । तभी अचानक कविता को वो शैतान bed पर फेक देता है । कविता अब समझ जाती है की उसकी इज्जत और जान अब नही बचेगी ये शैतान का कोई मुकाबला नही । 
कोई चारा न देख 
कविता कहती है मेरे सामने आओ ।अगर तुम मुझे पाना चाहते हो तो मेरे सामने आओ ।
शैतान जिन सामने आ जाता है । जब कविता उसे देखती है तो डर जाती है वो काफी भयानक और खूंखार होता है । 
कविता अपने आशू पोछती है और बोलती है की तुम मेरे साथ सब कुछ कर सकते हो पर मेरी एक शर्त है ।
शैतान सोचता है और बोलता है की मै तो तुम्हारे साथ वैसे भी सब कुछ कर सकता हूँ। फिर तुम्हारी बात क्यों मानु ।
कविता बोलती है बाकी लड़कियों के साथ तुमने जबरदस्ती की पर मै खुद तुम्हारी बाहो में आने को तैयार हूँ । हम जी भर कर प्यार करेगे पर तुम्हे मेरी शर्त पूरी करनी होगी ।
शैतान बोला जल्दी बोलो तुम्हे क्या चाहिए । कभी किसी लड़की ने ऐसा मुझे नही कहा तुम पहली हो । मै तुम्हारे लिए कुछ भी करूँगा ।
कविता ने कहा इस जतिन ने मुझे धोखा दिया सात फेरो और मेरे सिंदुर का अपमान किया ,इसलिए इसे जीने का कोई हक नही है इसे मार डालो और मै हमेशा के लिए तुम्हारी । 
जिन बोलता है बस इतनी सी बात मै अभी आता हूँ तुम तैयार रहना । ये कहकर जिन जतिन के सामने प्रकट हो जाता है ।
अचानक जिन को सामने देख जतिन डर जाता है और बोलता है देखो मैने तुम्हारा काम कर दिया अब तुम मुझे आजाद कर दो मुझे जाने दो ।। जिन हँसते हुए बोलता है जतिन तूने मुझे खुश किया , जा मै तुझे आजाद करता हूँ । किसी के साथ जिन जतिन का सर उसके धड़ से अलग कर देता है और हँसते हुए कहता है जतिन तूने मुझे खुश किया , जा मै तुझे आजाद करता हूँ । किसी के साथ जिन जतिन का सर उसके धड़ से अलग कर देता है और हँसते हुए कहता है अब लूँगा काम सुख का मजा । इसी के साथ वो कविता के कमरे की ओर चल देता है ।
जैसे ही वो कमरे मे पहुचता है शैतान जिन की आँखे लाल हो जाती है और वो चीखने लगता है । सामने कविता को पंखे से लटका देख जिन अपना आपा खो बैठता है और पुरे घर में आग लगा देता है । जल्द ही पूरा घर आग के शोले मे बदल जाता है और सब कुछ जल कर राख हो जाता है ।
अगली सुबह पुलिस आती है और उस राख के ढेर से 8 जली लाशें निकाली जाती है।
किसी को कुछ समझ नही आता ।
पर हम जानते है की क्या हुआ था , आखिर कार कविता अपनी इज्जत बचाने में कामयाब होती है , हा वो बच नही पाती पर मरने से पहले अपने दुश्मनो को सबक जरूर सिखा जाती है ।
लेखक रवि चौधरी ।

No comments:

Post a Comment